सही पशु संख्या एवं पशुपालकों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ दिलाने हेतु करायी जा रही पशुगणना

सही पशु संख्या एवं पशुपालकों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ दिलाने हेतु करायी जा रही पशुगणना

श्रावस्ती। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के निर्देश पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव ने बताया है कि भारत सरकार द्वारा पूरे देश में पशुगणना का कार्य शुरू कराया जा रहा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में पशुगणना कार्य शुरू किया गया है। जनपद में भी 01 सितम्बर से पशुगणना का कार्य शुरू किया गया है, जिसमें 11 सुपरवाइजर एवं 68 गणनाकार को चयन कर उनका प्रशिक्षण प्रत्येक तहसील स्तर पर कराया गया है। एक गणनाकार लगभग 3000 से 4000 परिवारों से सम्पर्क कर उनके यहाँ उपलब्ध पशुओं पक्षियों आदि सभी प्रकार जीव की गणना करेंगे, साथ ही साथ उनकी आनलाइन फीडिंग करेंगें। जनपद में सभी पशुओं की टैगिंग भी कराई जायेगी, ताकि उनकी सही पहचान हो सके।


उन्होने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य जनपद की सही पशु संख्या एवं पशुपालकों को सरकार द्वारा जा रही सुविधाओं को उपलब्ध कराना है। भविष्य में जिन भी पशुपालकों के पशुओं के टैग लगे होगें उनको ही शासन द्वारा दिए गये लाभ दिलवाना सम्भव होगा, यथा सभी योजनायें कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, चारा-बीज वितरण अन्य योजनाओं को पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उक्त के सम्बन्ध में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी श्रावस्ती एंव नोडल अधिकारी द्वारा सभी पशुपालको से अपील की गई कि सभी पशुपालक इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले, ताकि सही पशुगणना हो सके और पशुपालकों को लाभ मिल सके।

पशुपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए पशुगणना के आंकड़े महत्वपूर्ण होते हैं। सही आंकड़ों के बिना नीतियाँ प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पातीं। उदाहरण के लिए, पशुपालकों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान, ऋण, और बीमा योजनाओं का सही लाभ तभी मिल सकता है जब सरकार को पता हो कि कितने पशुपालक और कितने पशु उस क्षेत्र में हैं।

पशुगणना के आंकड़ों का उपयोग कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी किया जाता है। पशुओं में होने वाले रोगों की पहचान और नियंत्रण के लिए भी यह आंकड़े अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के समय, जैसे कि बाढ़ या सूखा, पशुपालकों को मुआवजा देने के लिए भी इन आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। सही पशुगणना से ही यह संभव हो पाता है कि मुआवजा सही समय पर और सही मात्रा में दिया जा सके।

सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिसमें उन्हें इन योजनाओं की जानकारी दी जाती है और आवेदन करने की प्रक्रिया समझाई जाती है। सही पशुगणना के आंकड़े प्राप्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों, पंचायतों, और स्थानीय निकायों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये सभी मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि पशुगणना की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो और पशुपालकों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।

अंत में, पशुगणना केवल एक सांख्यिकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जिससे सरकार पशुपालकों की वास्तविक स्थिति को समझ पाती है और उनकी जरूरतों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध करा पाती है। सही पशुगणना के बिना यह संभव नहीं है, इसलिए यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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